Consider the following statements for Commission for Agricultural Costs and Prices:
1. It advices on the price policy of 23 crops including copra and sugarcane.
2. CACP submits its recommendations directly to the Prime Minister of India.
Which of the above statement(s) is/are incorrect?
कृषि लागत और मूल्य आयोग के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. यह 23 फसलों की मूल्य नीति पर सलाह देता है जिसमें नारयल और गन्ना भी शामिल हैं।
2. सीएसीपी अपनी सिफारिशों को सीधे भारत को प्रधानमंत्री को सौंपता है।
उपरोक्त कथन में सा/से कौन असत्य है / हैं?
Commission for ‘Agricultural Costs and Prices’ (CACP), set up with a view to evolve a balanced and integrated price structure, is mandated to advice on the price policy (MSP) of 23 crops. These include seven cereal crops (paddy, wheat, jowar, bajra, maize, ragi and barley), five pulse crops (gram, tur, moong, urad and lentil), seven oilseeds (groundnut, sunflower seed, soyabean, rapessedmustard, safflower, nigerseed and seasmum), copra (dried coconut), cotton, raw jute and sugarcane. CACP submits its recommendations in the form of Price Policy Reports every year, separately for five groups of commodities namely kharif crops, rabi crops, sugarcane, raw jute and copra.
The Commission for Agricultural Costs & Prices (CACP) is an attached office of the Ministry of Agriculture and Farmers Welfare, Government of India. It came into existence in January 1965. Currently, the Commission comprises a Chairman, Member Secretary, one Member (Official) and two Members (Non-Official). The non-official members are representatives of the farming community and usually have an active association with the farming community.कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP), एक संतुलित और एकीकृत मूल्य संरचना विकसित करने के उद्देश्य से, 23 फसलों की मूल्य नीति (MSP) पर सलाह देने के लिए अधिदेशित है।
इनमें सात अनाज की फसलें (धान, गेहूं, ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी और जौ), पांच दलहनी फसलें (चना, अरहर, मूंग, उड़द और मसूर), सात तिलहन (मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, सोयाबीन, अलसी,सरसों, कुसुम, नैजरसीड, तिल ) शामिल हैं। कोपरा (सूखा नारियल), कपास, कच्चा जूट और गन्ना। CACP हर साल अलग-अलग जिंसों के पांच समूहों के लिए मूल्य नीति रिपोर्ट के रूप में अपनी सिफारिशों को प्रस्तुत करता है, जिसके नाम हैं :खरीफ फसल, रबी फसल, गन्ना, कच्चा जूट और नारयल।
कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का एक संलग्न कार्यालय है। यह जनवरी 1965 में अस्तित्व में आया। वर्तमान में, आयोग में एक अध्यक्ष, सदस्य सचिव, एक सदस्य (आधिकारिक) और दो सदस्य (गैर-आधिकारिक) शामिल हैं। गैर-आधिकारिक सदस्य कृषक समुदाय के प्रतिनिधि हैं और आमतौर पर कृषक समुदाय के साथ एक सक्रिय संबंध रखते हैं।