ढोलक की थाप मृत-गाँव में संजीवनी शक्ति भरती रहती थी- कला से जीवन के संबंध को ध्यान में रखते हुए चर्चा कीजिए।
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Solution
कला मनुष्य के साथ आज से ही नहीं आरंभ काल से ही विद्यमान है। यही कारण है कि आप किसी पुरानी जन-जाति को ही ले लें। उनके अपने नृत्य तथा संगीत विद्यमान है। कला जीवन के कठिन समय में राहत देती है। मनुष्य का खाली समय कला साधना में ही बितता है। वह ऐसा कुछ सुनना चाहता है, तो उसकी आत्मा तक के तारों को झनझना दे। कला जीवन में प्रेरणा, आनंद तथा रोमांच भर देती है। कुछ लोग तो जीवन भर कला की साधना करने में निकाल देते हैं। कला के विभिन्न रूप हैं। एक में हम चित्रकारी, मूर्तिकारी आदि करते हैं। दूसरी संगीत साधना कला कहलाती है। इसमें हम वाद्य यंत्र, संगीत तथा नृत्य करते हैं। यह किसी न किसी रूप में हमें आनंद का अनुभव कराती है।