धनराम को मोहन के किस व्यवहार पर आश्चर्य होता है और क्यों?
धनराम को तब मोहन के व्यवहार पर आश्चर्य होता है, जब वह धनराम के साथ लोहे को रूप देने में सहयोग देता है। मोहन का संबंध उच्चवंश से है। वह जाति से ब्राह्मण है। उसकी जाति के लोग धनराम के साथ उठना-बैठना नहीं करते हैं। बहुत आवश्यकता होने पर वह उनकी दुकान पर खड़े हो जाते हैं मगर मेलजोल नहीं रखते हैं। मोहन इसके विपरीत धनराम के टोले पर चला जाता है। वहाँ वह धनराम के साथ उसकी दुकान पर बैठता है और जब वह लोहे को सही आकार नहीं दे पाता है, तो उसकी मदद भी करता है। एक ब्राह्मण लड़के को अपने समान काम करते देखकर उसे आश्चर्य होता है। मोहन पढ़ने के लिए गाँव से बाहर गया था मगर मोहन को लोहे को आकार देता देख, उसे समझ नहीं आता।