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Question

धनराम मोहन को अपना प्रतिद्वंद्वी क्यों नहीं समझता था?

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Solution

धनराम और मोहन दोनों अलग-अलग जाति के थे। धनराम के हृदय में बचपन से ही अपनी छोटी जाति को लेकर हीनभावना समा गई थी। इसके साथ-साथ वह मोहन की बुद्धिमानी को भी बहुत अच्छी तरह समझता था। अतः जब मोहन उसे मास्टर जी के कहने पर मारता या सज़ा देता, तो वह इन दोनों कारणों से उसे अपना प्रतिद्वंद्वी नहीं समझता है। उसे लगता है कि मोहन यह सब करने का अधिकारी है।

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