एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटे भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुँचा तो उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई?
एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटे भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुँचे तो उनकी प्रतिक्रिया बहुत भयानक थी। वह बहुत क्रोधित थे। उन्होंने छोटे भाई को बहुत डाँटा। उन्होंने उसे पढ़ाई पर ध्यान देने को कहा। गुल्ली-डंडा खेल की उन्होंने बहुत बुराई की। उनके अनुसार यह खेल भविष्य के लिए लाभकारी नहीं है। अतः इसे खेलकर उन्हें कुछ हासिल नहीं होने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि अव्वल आने पर उसे घंमड हो गया है। उनके अनुसार घमंड तो रावण तक का भी नहीं रहा। अभिमान का एक-न-एक दिन अंत होता है। अतः छोटे भाई को चाहिए कि घमंड छोड़कर पढ़ाई की ओर ध्यान दे।