"एक सदस्य माँ की भूमिका निभाता"
(i)नौका पर 'माँ' की भूमिका निभाने वाला व्यक्ति कौन-कौन से काम करता था?
(ii)तुम्हारे विचार से उन कामों को माँ के कामों की उपमा क्यों दी गई होगी?
(iii)क्या तुमने कभी किसी के लिए 'माँ की भूमिका' निभाई है? यदि हाँ, तो बताओ
(क) तब तुमने कौन-कौन से काम किए थे?
(ख) वे काम क्यों और किसलिए किए थे?
(iv)तुम्हारी माँ या घर का अन्य कोई सदस्य सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक कौन-कौन से काम करता है? सूची बनाओ।
(i)नौका पर माँ की भूमिका निभाने वाला व्यक्ति खाना पकाने, बर्तन माँजने, शौचालय की सफ़ाई, नौका की सफ़ाई आदि सभी काम करता था।
(ii)हमारे विचार से माँ की उपमा इसलिए दी गई है क्योंकि सबकी देखभाल एक माँ ही कर सकती है और यह काम भी ऐसा ही था।
(iii)(क) माँ और पिताजी को रोटी परोसी।घर के बर्तन भी धोए। उनकी दवा-पानी की पूरी ज़िम्मेदारी निभाई।घर में साफ़-सफ़ाई का भी काम किया है।
(ख) जब एक बार माँ-पिताजी की तबीयत खराब हुई तो घर पर और कोई नहीं था इसलिए ये सब काम करने पड़े। माँ और पिताजी की ऐसी स्थिति देखकर मुझे परेशानी और दुख हुआ था इसलिए ये काम मैंने किए।
(iv) हमारी माँ सुबह उठकर सफ़ाई करती हैं, कपड़े धोती हैं, नहाती हैं, पूजा पाठ करती हैं, खाना बनाती हैं, हमें तैयार करती हैं, हमारे जाने के बाद दोपहर का खाना बनाने में जुट जाती हैं, हमारे आने पर हमारा मुँह हाथ धुलवाती हैं, हमें खाना परोसती हैं, दोपहर के बर्तन धोती हैं, हमें पढ़ाती हैं, शाम को हमारे साथ बाग में जाती हैं, जहाँ वे हमारे साथ खेलती भी हैं, बाग से आते हुए वह सब्जी लाती हैं, घर आकर रात का खाना बनाती हैं, सबको खाना खिलाने के बाद, रसोईघर की साफ़-सफ़ाई करके ही सोती हैं। ये सभी काम वह हमारे लिए हमेशा करती हैं।