"घर में विधवा रही पतोहू .../ खैर पैर की जूती, जोरु/एक न सही दूजी आती" इन पंक्तियों को ध्यान में रखते हुए 'वर्तमान समाज और स्त्री' विषय पर एक लेख लिखें।
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Solution
भारतीय समाज में स्त्री की दशा आज भी वैसी-की-वैसी है। शहरों में इस विषय में सुधार हुआ है मगर ग्रामीण क्षेत्रों में इस विषय पर स्थिति ऐसी है। स्त्री को समाज में पुत्र रत्न देने की मशीन समझा जाता है। मायके में लड़की का ताना मिलता है और उसकी अनदेखी की जाती है। ससुराल में भी स्थिति इससे भी दुखद है। उसे पति पर आश्रित होकर रहना पड़ता है। पति की इच्छा पर जीवन जीना पड़ता है। उसका अपना कोई अस्तित्व नहीं होता है। यदि पति की नज़रें हट जाए, तो ससुराल से बाहर निकाला जा सकता है। विधवा स्त्री का सम्मान अपने ससुराल में नहीं होता है। उसे अपने माता-पिता के पास क्षरण लेनी पड़ती है। उसका जीवन शोषण, अत्याचार और उपेक्षा से भरा पड़ा है।