गोपियों ने यह क्यों कहा कि हरि अब राजनीति पढ़ आए हैं? क्या आपको गोपियों के इस कथन का विस्तार समकालीन राजनीति में नज़र आता है, स्पष्ट कीजिए।
गोपियों ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि श्री कृष्ण ने सीधी सरल बातें ना करके रहस्यातमक ढंग से उद्धाव के माध्यम से अपनी बात गोपियों तक पहुचाई है।
गोपियों का यह कथन कि हरि अब राजनीति पढ़ आए हैं। कहीं न कहीं आज की भ्रष्ट राजनीति को परिभाषित कर रहा है। इस कथन का विस्तार समकालीन राजनीति में नज़र आ रहा है। जिस तरह से श्री कृष्ण ने अपनी बात सीधे-सीधे न करके घुमा-फिराकर उद्धव के माध्यम से गोपियों के समक्ष रखी है, उसी तरह आज के राजनीतिज्ञ भी अपनी बात को घुमा-फिराकर जनता के समक्ष रखते हैं। दूसरी तरफ यहाँ गोपियों ने राजनीति शब्द को व्यंग के रूप में कहा है। आज के समय में भी राजनीति शब्द का अर्थ व्यंग के रूप में लिया जाता है।