व्याख्या कीजिए −
(क) (i) पीपल के पत्ते-से नए-नए हाथ
जूही की डाल से खुशबूदार हाथ
(ii) दुनिया की सारी गंदगी के बीच
दुनिया की सारी खुशबू
रचते रहते हैं हाथ
(ख) कवि ने इस कविता में 'बहुवचन' का प्रयोग अधिक किया है। इसका क्या कारण है?
(ग) कवि ने हाथों के लिए कौन-कौन से विशेषणों का प्रोयग किया है।
(क) 1. कवि उन बच्चों की ओर ध्यान दिलाना चाहता है जिनके हाथ पीपल के पत्तों की तरह कोमल, नए हैं, जिनमें जूही की डाल जैसी खुशबू आती है परन्तु अगरबत्ती बनाते बनाते उनके कोमल हाथ खुरदरे हो गए हैं। उनकी कोमलता और सुगंध गायब हो जाती है।
2. कवि कहता है कि खुशबु रहने वाले हाथ अर्थात अगरबत्ती बनाने वाले लोग स्वयं कितने गंदे वातावरण में रहते हैं, इसकी कल्पना करना भी कठिन है। इस गंदगी में रहकर भी इनके हाथ में कमाल का जादू है ये खुशबूदार अगरबत्तियों को बनाते हैं।
(ख) गलियों, नालों, नाखुनों, गंदे हाथ, अगरबत्तियाँ, मुहल्लों, गंदे लोग में बहुवचन का प्रयोग इसलिए किया गया है कि ऐसे लोग, स्थान, वस्तुएँ एक नहीं अनेकों हैं।
(ग) कवि ने हाथों के लिए निम्नलिखित विशेषणों का प्रोयग किया है −
1. उभरी नसों वाले हाथ
2. गंदे नाखूनों वाले हाथ
3. पत्तों से नए हाथ
4. खुशबूदार हाथ
5. गंदे कटे पिटे हाथ
6. फटे हुए हाथ
7. खुशबू रचते हाथ