जैसे बादल उमड़-घुमड़कर बारिश करते हैं वैसे ही कवि के अंतर्मन में भी भावों के बादल उमड़-घुमड़कर कविता के रूप में अभिव्यक्त होते हैं। ऐसे ही किसी प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर अपने उमड़ते भावों को कविता में उतारिए।
इस प्रश्न का उत्तर छात्र स्वयं दें।
(क) तूफ़ान क्या होता है? बादलों को तूफ़ानी क्यों कहा गया है?
(ख) साल के किन-किन महीनों में ज़्यादा बादल छाते हैं?
(ग) कविता में 'काले' बादलों की बात की गई है। क्या बादल सचमुच काले होते हैं।
(घ) कक्षा में बातचीत करो और बताओ की बादल किन-किन रंगों के होते हैं।
"हरा खेत जब लहराएगा
हरी पताका फहराएगा
छिपा हुआ बादल तब उसमें
रूप बदलकर मुसकाएगा"
कविता में हम पाते हैं कि सावन की हरियाली बादलों के कारण ही हुई है इसलिए कवि को उस हरियाली में मुसकराते बादल ही दिखाई देते हैं। बताओ, कवि को इन सब में कौन दिखाई दे सकता है–
(क) गर्म हवा। लू के थपेड़े।
(ख) सागर में उठती ऊँची-ऊँची लहरें।
(ग) सुगंध फैलाता हुआ फूल।
(घ) चैन की नींद सोती हुई बालिका।
तुमने इस कविता में एक कवि, जिसने इस कविता को लिखा है, उसके बारे में जाना और इसी कविता में एक कवि कालिदास के बारे में भी जाना। अब तुम बताओ–
(क) तुम्हारे प्रदेश और तुम्हारी मातृभाषा में तुम्हारी पसंद के कवि कौन-कौन हैं?
(ख) उनमें से किसी एक कवि की कोई सुंदर-सी कविता, जो तुम्हें पसंद हो, को हिंदी में अनुवाद कर अपने साथियों को दिखाओ।
नीचे कविता में से कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। कविता की अगली पंक्तियाँ स्वयं बनाओ। ध्यान रखो, कविता में से देखकर नहीं लिखना।
(क) तब माँ कोई कर न सकेगा
(ख) बिजली के आँगन में अम्माँ
(ग) किसने फोड़ घड़े बादल के