जीजी ने इंदर सेना पर पानी फेंके जाने को किस तरह सही ठहराया?
जीजी के अनुसार मनुष्य के पास जो चीज़ ना हो और वह उसका त्याग करके किसी और को देता है, तो उसका बहुत अच्छा फल मिलता है। इंदर सेना ऐसे समय में पानी की माँग करती थी, जब लोगों के पास स्वयं पानी नहीं हुआ करता था। लोग अपने घरों से निकाल-निकालकर पानी देते थे। लेखक को पानी की यह बर्बादी पसंद नहीं थी। वह अपनी जीजी को ऐसा करने से मना करता था। तब जीजी ने समझाया कि मनुष्य जब स्वयं त्याग करता है, तो वह ईश्वर को विवश कर देता। ईश्वर उसके त्याग से प्रसन्न होकर उसे इनाम देते हैं।