(क) केशव ने झुँझलाकर कहा...
(ख) केशव रोनी सूरत बनाकर बोला...
(ग) केशव घबराकर उठा...
(घ) केशव ने टोकरी को एक टहनी से टिकाकर कहा...
(ङ) श्यामा ने गिड़गिड़ाकर कहा...
ऊपर लिखे वाक्यों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखो। ये शब्द रीतिवाचक क्रियाविशेषण का काम कर रहे हैं क्योंकि ये बताते हैं कि कहने, बोलने और उठने की क्रिया कैसे हुई। 'कर' वाले शब्दों के क्रियाविशेषण होने की एक पहचान यह भी है कि ये अकसर क्रिया से ठीक पहले आते हैं। अब तुम भी इन पाँच क्रियाविशेषणों का वाक्यों में प्रयोग करो।
(क) |
झुँझलाकर - |
मोहन ने गुस्से में खाना झुँझलाकर फेंक दिया। |
(ख) |
बनाकर - |
राघव ने रीना को मोतियों की माला बनाकर दी। |
(ग) |
घबराकर - |
सुमन ने माँ से घबराकर झूठ बोल दिया। |
(घ) |
टिकाकर - |
सुमित ने डंडे को एक दीवार से टिकाकर रख दिया। |
(ङ) |
गिड़ागिड़ाकर- |
कल मंदिर के बाहर एक भिखारी गिड़गिड़ाकर भीख माँग रहा था। |