(क) शहर की ओर जाते हुए वल्ली ने बस की खिड़की से बाहर क्या-क्या देखा?
"अब तो उसकी खिड़की से बाहर देखने की इच्छा भी खत्म हो गई थी।"
(ख) वापसी में वल्ली ने खिड़की के बाहर देखना बंद क्यों कर दिया?
(ग) वल्ली ने बस के टिकट के लिए पैसों का प्रबंध कैसे किया?
(क) शहर की ओर जाते समय वल्ली ने नहर, उसके पार ताड़ के वृक्ष, घास के मैदान, सुदंर पहाड़ियाँ, नीला आकाश और गहरी खाई देखी। उसने बस की खिड़की से दूर-दूर फैले खेत, हरियाली ही हरियाली देखी।
(ख) उसने रास्ते में एक मरी बछिया देखी जिसे देखकर वह बहुत ही दुखी हुई। बछिया का ख्याल उसे बार-बार सता रहा था, जिससे खिड़की से बाहर देखने का उसका उत्साह ढीला पड़ गया और उसने बाहर देखना बन्द कर दिया।
(ग) वल्ली ने छोटी-छोटी रेजगारी इकट्टी की। अपनी मीठी गोलियाँ, गुब्बारे, खिलौने लेने की इच्छा को दबाया, यहाँ तक कि पैसे इकट्ठे करने के लिए वह गोल घूमने वाले झूले पर भी नहीं बैठी।