(क) टेसू राजा बाज़ार अनार लेने गए थे।
• तुम बाज़ार क्या-क्या लेने जाती हो?
• बाज़ार कैसे जाती हो?
• उस बाज़ार का क्या नाम है?
• अपने घर के पास के कुछ और बाज़ारों के नाम पता करो।
(ख) बाज़ार अलग-अलग तरह के होते हैं।
जैसे- मंडी, हाट, सोम बाज़ार, मॉल, पैंठ, किनारी बाज़ार आदि।
कक्षा में बात करो कि इन सब बाज़ारों में क्या अंतर है। तुम्हारे घर के पास में किस तरह के बाज़ार हैं।
(क) टेसू राजा बाज़ार अनार लेने गए थे।
• हम बाज़ार में कपड़े, राशन, घर का सामान, आभूषण, जूते, बर्तन इत्यादि लेने जाते हैं।
• बाज़ार हमारे घर के पास है इसलिए पैदल ही जाते हैं।
• बेगम ज़ेदी तथा बसरुरकर मार्किट।
• मुनिरका, सरोजनी नगर, शुक्र बाज़ार, संडे मार्किट, मोहन सिंह मार्किट इत्यादि।
(नोट: विद्यार्थी इन प्रश्नों का उत्तर अपने घर के आस-पास के बाज़ारों की जानकारी एकत्र करके दें।)
(ख)
• मंडी- यहाँ पर सब्ज़ियाँ थोक के भाव में मिलती है। सभी सब्ज़ीवाले यहाँ से सब्ज़ी खरीदकर ले जाते हैं।
• हाट- यह ऐसा स्थान है, जहाँ हर प्रकार का सामान मिलता है। यह गाँव में अधिक होता है।
• सोम बाज़ार- यह सोमवार को लगने वाला बाज़ार है। प्राय: यह हर गली मोहल्ले में लगने वाला बाज़ार है। इसमें हर प्रकार का सामान मिलता है।
• मॉल- यह नए प्रकार का बाज़ार है। पश्चिमी सभ्यता से प्रेरणा लेकर बनाया गया है। भव्य इमारत में हर प्रकार की बड़ी कंपनियाँ अपने कपड़े, गहने, जूते इत्यादि बेचती हैं। यहाँ विभिन्न प्रकार का खाना मिलता है तथा सिनेमा हॉल भी होते हैं।
• पैंठ- यह सप्ताह के एक दिन लगने वाला बाज़ार है, जहाँ सभी फुटकर व्यापारी आकर अपना सामान बेचते हैं। यह सोम बाज़ार जैसा ही होता है। यहाँ भी सब प्रकार का सामान मिलता है।
• किनारी बाज़ार- यह चांदनी चौक का एक मुख्य बाज़ार है। यहाँ पर दुपट्टे, साड़ियाँ, लहंगा तथा फ्रॉक पर लगने वाले ज़री, गोटे, लेस, बेल-बूटे मिलते हैं। इसके अतिरिक्त सोने तथा चाँदी के आभूषण भी यहाँ मिलते हैं। यहाँ पर हर छोटे-बड़े, व्यापारी तथा साधारण जन अपनी आवश्यकता के अनुसार सामान खरीदते हैं।