कहानी का शीर्षक 'गूँगे' है, जबकि कहानी में एक ही गूँगा पात्र है। इसके माध्यम से लेखक ने समाज की किस प्रवृत्ति की ओर संकेत किया है?
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Solution
लेखक के अनुसार आज का समाज अन्याय के प्रति गूँगा या उपेक्षित रहता है। समाज में अपंग लोगों पर विभिन्न प्रकार के अत्याचार होते रहते हैं लेकिन लोग चुपचाप देखते रहते हैं। वे उनके प्रति सहानुभूति रखते हैं लेकिन जब कुछ करने का मौका आता है, तो वे स्वयं शोषण करने वाले बन जाते हैं। उनमें न संवेदनाएँ रहती है न मानवता। बस दर्शक बनकर अत्याचार देखते रहते हैं। उन्हें इनके प्रति अपने दायित्व दिखाई नहीं देते। किसी मनुष्य में यदि संवेदनाएँ या मानवता आ भी जाती है, तो वे क्षणिक होती हैं। अतः लेखक ने गूँगे बोलकर समाज में व्याप्त ऐसे लोगों की ओर संकेत किया है।