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Question

'खुद के हाथ पथी ईंटों का रंग ही बदल गया था। उस दिन ईंटों को देखते-देखते मानो के मन में बिजली की तरह एक ख्याल कौंधा था।' वह क्या ख्याल था जो मानो के मन में बिजली की तरह कौंधा? इस संदर्भ में सुकिया के साथ हुए उसके वार्तालाप को अपने शब्दों में लिखिए।

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Solution

खुद के हाथ से पथी ईंटों का रंग बदला हुआ देखकर मानो के मन में इन्हीं पक्की ईंटों से घर बनाने का ख्याल आया। यह सोचकर उसे नींद नहीं आ रही थी। अब वह भी चाहती थी कि ऐसी ही पक्की ईंटों से उसका अपना छोटा-सा घर हो। सुबह जब मानो ने उसे उठाया तो उससे चुप न रहा गया।
मानोः क्या हम इन पक्की ईंटों से अपने लिए एक घर बना सकते हैं?

सुकियाः (हैरानपूर्वक) पगली दो-चार पैसे से पक्की ईंटों का घर नहीं बनता है। इसके लिए हमें बहुत-सा पैसा चाहिए।

मानोः (भोलेपन से) दूसरों के लिए जब हम ईंटें बनाते हैं, तो अपने घर के लिए भी ईंटें बना सकते हैं।

सुकियाः (समझाते हुए) हम भट्ठे के मालिक के लिए काम करते हैं। ये सब ईंटें उसकी हैं।

मानोः (दुखी होकर) हम बहुत मेहनत करेंगे और पैसे जोड़कर अपने लिए घर बनाएँगें। इसके लिए हम रात-दिन मेहनत करेंगे।

सुकियाः अच्छा ठीक है। ऐसा ही करेंगे।

दोनों को जीवन का उद्देश्य मिल गया था।

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