'क्षण के महत्व' को उजागर करते हुए कविता का मूल भाव लिखिए।
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यह कविता मनुष्य को क्षण का महत्व बताती है। कवि चाहता है कि मनुष्य द्वारा स्वार्थहित से स्वयं को हटाकर व्यष्टि का समष्टि में विलय कर देना चाहिए। इस संसार में विद्यमान प्रत्येक व्यक्ति दुखी है। अतः हमें चाहिए कि मिलकर लोगों के दुखों को दूर करने का प्रयास करें। इसी तरह एक बूँद सागर से अलग होकर क्षण भर में सूर्य के प्रकाश से चमक उठती है। यह हमें सीख देता है कि इस विशाल संसार में मनुष्य अपने नश्वर शरीर के साथ भी स्वयं के छोटे-से जीवन को सार्थक कर सकता है। यह क्षण ही तो है, जो उसे स्वयं को सार्थक करने के लिए अवसर प्रदान करता है। इसी क्षण के कारण वह समुद्र रूपी संसार में बूँद के समान होते हुए भी सूर्य की चमक से स्वयं को चमका जाता है। उसकी क्षण भर की चमक लोगों को प्रेरित करती है। वह नश्वरता के कलंक से आज़ाद हो जाता है। क्षण उसके जीवन में विशेष महत्व रखता है।