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Question

कुमार गंधर्व ने लिखा है- चित्रपट संगीत गाने वाले को शास्त्रीय संगीत की उत्तम जानकारी होना आवश्यक है। क्या शास्त्रीय गायकों को भी चित्रपट संगीत से कुछ सीखना चाहिए? कक्षा में विचार-विमर्श करें।

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Solution

शास्त्रीय संगीत ही चित्रपट संगीत का आधार है। जिसने शास्त्रीय संगीत को समझा है, वे सुर तथा ताल का बहुत सुंदर प्रयोग कर सकता है। वह अपने गीत के साथ न्याय कर सकता है। वह हर राग को पहचानता है और जानता है कि उसका कहाँ पर कितना प्रयोग करना है। शास्त्रीय संगीत में राग को महत्व दिया जाता है। वह संगीत का ऐसा रूप है, जिसे हर मनुष्य समझ नहीं सकता है। चित्रपट संगीत में गीतकार को लिखे गीत को स्वर देना होता है। यहाँ पर शब्द का महत्व नहीं होता है। यहाँ पर ध्वनि को विशेष महत्व दिया जाता है। एक शास्त्रीय गायक के लिए ध्वनि के उतार-चढ़ाव महत्वपूर्ण होते हैं। राग में वह इसका प्रयोग करता है। इसे नियमपूर्वक गाया जाता है।
चित्रपट संगीत शास्त्रीय संगीत से अलग है। इसमें शास्त्रीय संगीत का प्रयोग होता है लेकिन वह शब्दों को लय देने के लिए होता है। अतः शब्दों के माध्यम से मन के भावों को सरलता से व्यक्त किया जा सकता है। यहाँ पर शब्दों को रागों में ढाला जाता है। अतः जहाँ लोगों के मन में राग के प्रति जानकारी न होते हुए भी, वह उनके मस्तिष्क में सदैव के लिए रह जाता है। शास्त्रीय संगीत को याद करना सबके लिए संभव नहीं है। शास्त्रीय संगीत कड़े अभ्यास का फल है। इसमें ध्वनी, स्वर तथा राग में अभ्यास की आवश्यकता होती है। अतः आम व्यक्ति के लिए इन्हें याद करना और गा पाना संभव नहीं है। अतः शास्त्रीय गायकों को चाहिए इसमें ऐसे परिवर्तन करें कि आम लोगों की पसंद बन जाए।

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