कुंजड़िन से बोला बेचारा ज्यों-ज्यों कुछ समझाकर
इस पंक्ति को ऐसे भी लिख सकते हैं –
बेचारा ज्यों-ज्यों कुछ समझाकर कुंजड़िन से बोला।
अब इसी तरह इन पंक्तियों को फिर से लिखो –
(क) हमको दो तोल छीमियाँ फ़कत चार आने की।
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(ख) वह खाता ही रहा मिर्च की छीमी को सिसियाते।
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(ग) जा तू अपनी राह सिपाही, मैं खाता हूँ पैसा।
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(घ) एक काबुलीवाले की कहते हैं लोग कहानी।
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(क) हमको फ़कत चार आने की तोल दो छीमियाँ।
(ख) वह मिर्च की छीमी को सिसियाते खाता ही रहा।
(ग) तू अपनी राह जा सिपाही मैं पैसा खाता हूँ।
(घ) लोग एक काबुलीवाले की कहानी कहते हैं।