कवि ने 'चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को' क्यों कहा है?
Open in App
Solution
इस पंक्ति में कवि की अपनी प्रेमिका से मिलने की व्यग्रता दिखाई देती है। वह रह-रहकर अपनी प्रेमिका से मिलने की प्रार्थना कर रहा है। परन्तु उसकी प्रार्थना तथा संताप का प्रेमिका पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। वे इस कारण दुखी हो जाते हैं। बस वे उससे मिलना चाहते हैं। उन्हें प्रतीत हो रहा है कि उनका अंत समय आ गया है। अतः वे कह उठते हैं कि बहुत लंबे समय से मैं तुम्हारे आने की प्रतीक्षा कर रहा हूँ परन्तु तुम्हारा कुछ पता नहीं है। तुमसे मिलने की आस में मेरे प्राण अटक रखे हैं। यदि एक बार तुम्हारा संदेश आ जाए, तो मैं उन्हें लेकर ही मृत्यु को प्राप्त हो जाऊँ। कवि इन पंक्तियों में अपने जीवन का आधार प्रेमिका का संदेश बताते हैं, जिसे पाने के लिए वे व्यग्र हैं। यदि एक बार उन्हें संदेशा मिल जाए, तो वह आराम से प्राण त्याग दे।