कविता के प्रति लगाव से पहले और उसके बाद अकेलेपन के प्रति लेखक की धारण में क्या बदलाव आया?
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Solution
पहले कवि को पिता के साथ काम करने में मन नहीं लगता था। श्री सौंदलगेकर के संपर्क में आने के बाद उसकी रुचि कविता के प्रति बढ़ने लगी। धीरे-धीरे यह रुचि लगाव में बदलने लगी। आगे चलकर नायक को जो अकेलापन पहले खलता था, अच्छा लगने लगा। अब उसे अकेलेपन के महत्व का पता चला। उसने अब इस अकेलेपन का फायदा उठाना आरंभ कर दिया और प्रयास करने लगा कि वह अधिक-से-अधिक अकेला रहे। इस समय वह कविता उच्चारण करने लगा। वह अभिनय भी करता। इस तरह वह स्वतंत्रता का अनुभव करता। अभ्यास के बाद जब उसे इसमें सफलता मिलने लगी, तो वह अपने ढंग से कविता के उच्चारण में बदलाव करने लगा। अब वह एक कविता को विभिन्न तरीके से गा सकता था। उसने इसी अकेलेपन में कविताएँ भी रचीं।