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Question

कविता में दी गई इन बातों के आधार पर अपनी परिचित नदी के बारे में बताओ –

  • धार
  • पाट
  • बालू
  • कीचड़
  • किनारे
  • बरसात में नदी।

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Solution

धार – नदी में पानी की उठने वाली बड़ी-बड़ी लहरों को धार कहते हैं। बारिश में हमारी नदी की धार बहुत तेज़ हो जाती है।

पाट – वह स्थान जहाँ पर नदी की चौड़ाई बढ़ जाती है और उसके बल में विस्तार होता है, पाट कहलाता है। हमारी नदी का पाट बहुत चौड़ा है।

बालू – नदी के साथ जो चट्टानें बहती हुई आती हैं। नदी में उनके आपस में से टकराने से वो धीरे-धीरे पीसने लगती हैं। इस तरह उनका आकार छोटा होता जाता है और उनके पीसने पर जो रेत मिलती है, उसे ही बालू कहते हैं। नदी सागर में मिलने से पहले बालू को वहीं पर छोड़ देती है। मुझे नदी की बालू में खेलना अच्छा लगता है। हमारी नदी के किनारे में जो बालू है उसमें बहुत से आकार के छोटे-बड़े और सुंदर पत्थर मिलते हैं। मैं हमेशा उन्हें एकत्र करती हूँ।

कीचड़ – नदी के किनारों पर नदी से निकलने वाली पानी मिली मिट्टी होती है। इसे ही नदी का कीचड़ कहते हैं। इस नदी के कीचड़ में जानवरों के खुरों और पक्षियों के पंजों के बड़े सुन्दर निशान बने होते हैं। मैं अकसर उन्हें देखने जाया करती हूँ। मेरे पैरों के निशान भी उसमें बनते हैं।

किनारे – नदी के दोनों ओर स्थित जमीन को नदी का किनारा कहते हैं। इन किनारे पर बैठकर नदी को देखना मुझे अच्छा लगता है। शाम के समय यहाँ का सौंदर्य देखने वाला होता है।

बरसात में नदी – हमारी नदी का बहाव बरसात के दिनों में बहुत बढ़ जाता है। नदी अन्य महीनों की तुलना में अधिक चौड़ी और पानी से लबालब भर जाती है।


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Q.

• तुमने बरसात पर पहले भी कभी कोई कविता या लोकगीत सुना होगा। उसे नीचे दी गई जगह में लिखो।

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• इस कविता को पढ़ते समय तुम्हारे मन में कई चित्र आए होंगे। उनके बारे में बताओ या उनका चित्र बनाओ।

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