लेखक बुढ़िया से बोधिसत्व की आठ फुट लंबी सुंदर मूर्ति प्राप्त करने में कैसे सफल हुआ?
Open in App
Solution
एक बार कौशांबी के गाँवों में घूमते हुए लेखक को खेत की मेड़ में बोधिसत्व की आठ फुट लंबी मूर्ति दिखाई पड़ी। मूर्ति की विशेषता थी कि वह सुंदर थी। मथुरा के लाल पत्थरों से बनी थी तथा खंडित नहीं थी। उसे देखते ही लेखक ने तय किया कि वह इसे अपने साथ ले जाएगा। वह उसे उठाने ही वाला था कि खेत की मालकिन वहाँ आ पहुँची। वह एक वृद्धा थी और बहुत लालची थी। वह समझ गई थी कि लेखक उस मूर्ति को पाना चाहता है। उसने लेखक के इस कार्य से अप्रसन्नता व्यक्त की। लेखक समझ गया कि इस समय वृद्धा से उलझना ठीक नहीं है। वह समझ गया कि बुढ़िया लालची है। अतः उसने बुढ़िया को पैसों का लालच दिया। आखिरकार उसने बुढ़िया को दो रुपए दिए और मूर्ति खरीद ली। इस तरह लेखक बुढ़िया से बोधिसत्व की आठ फुट की लंबी मूर्ति प्राप्त करने में सफल हुआ।