लेखक ने अपने पिता जी की निम्नलिखित विशेषताओं का उल्लेख किया है-
• उनके पिता फ़ारसी भाषा के अच्छे विद्वान थे।
• वे प्राचीन हिंदी भाषा के प्रशंसक थे।
• वे फ़ारसी भाषा में लिखी उक्तियों के साथ हिन्दी भाषा में लिखी गई उक्तियों को मिलाने के शौकीन थे।
• वे प्रायः रात में सारे परिवार को रामचरितमानस तथा रामचंद्रिका का बड़ा चित्रात्मक ढ़ंग से वर्णन करके सुनाते थे।
• भारतेंदु के नाटक उन्हें बहुत प्रिय थे।