महामारी फैलने के बाद गाँव में सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य में क्या अंतर होता था?
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Solution
सूर्योदय के बाद लोग चाहे कितने दुखी क्यों न हो, मृत्यु का भय उन्हें चाहे सता रहा हो लेकिन एक-दूसरे से बातचीत करते थे। इस हाहाकार में वे एक-दूसरे को सहानुभूति देते तथा मदद करते थे। गाँव में चहल-पहल दिखाई देती थी। बीमारी से ग्रस्त होने के बाद भी दिन का प्रकाश उनके रक्त में संचार भर देता था। सूर्यास्त के बाद दृश्य ठीक इसके विपरीत हो जाता था। सब अपने घरों में चले जाते थे। किसी के बोलने का शब्द नहीं होता था। लोग मरते हुए अपने संबंधी को दो शब्द भी बोल नहीं पाते थे। एकमात्र लुट्टन का ढोल उस विभीषिका को चुनौती देता प्रतीत होता था।