wiz-icon
MyQuestionIcon
MyQuestionIcon
1
You visited us 1 times! Enjoying our articles? Unlock Full Access!
Question

'मनोकामना की गाँठ भी अद्भुत अनूठी है, इधर बाँधो उधर लग जाती है।' कथन के आधार पर पारो की मनोदशा का वर्णन दीजिए।

Open in App
Solution

संभव की दशा तो पारो को पहली बार देखकर पता चल जाती है। लेकिन पारो के मन की दशा का वर्णन उसके द्वारा मन में बोली गई इस पंक्ति से होता है। इससे पता चलता है कि संभव पारों के दिल में पहली ही मुलाकात में जगह पा गया था। वह भी संभव को उतना ही मिलने को बैचेन थी, जितना संभव था। यहाँ तक की संभव से मिलने के लिए उसने संभव की भांति ही मनसा देवी में मन्नत की चुनरी बाँधी। संभव को देखकर उसकी मन्नत पुरी हो गई। इससे पता चलता है कि उसकी मनोदशा भी संभव की भांति पागल प्रेमी जैसी थी, जो अपने प्रियतम को ढूँढने के लिए यहाँ-वहाँ मारा-मारा फिर रहा था।

flag
Suggest Corrections
thumbs-up
7
Join BYJU'S Learning Program
similar_icon
Related Videos
thumbnail
lock
Chola Administration
HISTORY
Watch in App
Join BYJU'S Learning Program
CrossIcon