नाटक में बच्चों ने अपनी बात को कई बार कविता की तरह कहा है जैसे–
टिंकू ने पकाई बड़ियाँ,
चुन्नू ने पकाई दाल
टिंकू की बड़ियाँ जल गईं,
चुन्नू का बुरा हाल
अब तुम भी नीचे लिखी पंक्तियों में कुछ जोड़ो-
घंटी बोली टन-टन-टन
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कहाँ चले भई कहाँ चले
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रेल चली भई रेल चली
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कल की छुट्टी परसों इतवार
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रोटी दाल पकाएँगे
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घंटी बोली टन-टन-टन
छुट्टी हुई चलो चलें फौरन
कहाँ चले भई कहाँ चले
सुबह-सुबह तुम कहाँ चले
रेल चली भई रेल चली
छुक-छुक करती रेल चली
कल की छुट्टी परसों इतवार
खेलने के ये हैं त्योहार
रोटी दाल पकाएँगे
मिलकर मौज़ उड़ाएँगे