नीचे दिए गए शब्दों की संरचना पर ध्यान दीजिए −
विद्या + अर्थी − विद्यार्थी
'विद्या' शब्द का अंतिम स्वर 'आ' और दूसरे शब्द 'अर्थी' की प्रथम स्वर ध्वनि 'अ' जब मिलते हैं तो वे मिलकर दीर्घ स्वर 'आ' में बदल जाते हैं। यह स्वर संधि है जो संधि का ही एक प्रकार है।
संधि शब्द का अर्थ है−जोड़ना। जब दो शब्द पास-पास आते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि बाद में आने वाले शब्द की पहली ध्वनि से मिलकर उसे प्रभावित करती है। ध्वनि परिवर्तन की इस प्रक्रिया को संधि कहते हैं। संधि तीन प्रकार की होती है−स्वर संधि, व्यंजन संधि, विसर्ग संधि। जब संधि युक्त पदों को अलग-अलग किया जाता है तो उसे संधि विच्छेद कहते हैं;
जैसे−विद्यालय - विद्या + आलय
नीचे दिए गए शब्दों की संधि कीजिए −
श्रद्धा |
+ |
आंनद |
= |
............ |
प्रति |
+ |
एक |
= |
............ |
पुरूष |
+ |
उत्तम |
= |
............ |
झंडा |
+ |
उत्सव |
= |
............ |
पुन: |
+ |
आवृत्ति |
= |
............ |
ज्योति: |
+ |
मय |
= |
............ |
संधि −
श्रद्धा | + | आंनद | = | श्रद्धानंद |
प्रति | + | एक | = | प्रत्येक |
पुरूष | + | उत्तम | = | पुरूषोत्तम |
झंडा | + | उत्सव | = | झंडोत्सव |
पुन: | + | आवृत्ति | = | पुनरावृत्ति |
ज्योति: | + | मय | = | ज्योतिर्मय |