निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −
देश और दुनिया को मुग्ध करके 'शुक्रतारे की तरह ' ही अचानक अस्त हो गए।
महादेव देसाई जी को एक शुक्रतारे के समान माना गया है। वे चाहे थोड़े समय पर अपनी छटा से सबको मोहित करते रहे। जैसे शुक्रतारा अचानक छिप जाता है, उसी प्रकार महादेव भाई भी असमय काल के ग्रास बन गए।