निम्नलिखित पंक्तियों के काव्य सौंदर्य को उद्घाटित कीजिए-
(क) ठंडी होती दिनचर्या में
जीवन की गर्माहट
(ख) थोड़ा-सा विश्वास
थोड़ी-सी उम्मीद
थोड़े-से सपने
आओ, मिलकर बचाएँ।
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Solution
(क) प्रस्तुत पंक्तियों में कवयित्री के अनुसार आज की दिनचर्या में पहले जैसी बात नहीं रही है। अब इस दिनचर्या में नीरसता ने स्थान ले लिया है। अतः इसमें पुनः गर्माहट या आनंद लाने की आवश्यकता है।
'गर्माहट' शब्द के माध्यम से इसमें लाक्षणिकता का गुण दृष्टिगोचर होता है। यह उत्साह को भी दर्शाता है।
(ख) इसमें कवयित्री कहती है कि इस संसार में लोग अविश्वास का वातावरण विद्यमान हो गया है। ऐसे में यदि हम लोगों के विश्वास, उम्मीद, तथा सपनों को बचा सकते हैं, जो जीवन सुख से भर जाएगा। ये इनके जीवन का आधार हैं। अतः हमें इन्हें बनाए रखना चाहिए।
कवयित्री ने अधिक शब्दों का प्रयोग नहीं किया है। अतः शब्दों की मितव्ययता का प्रयोग है। भाषा की सहजता और सरलता का गुण दृष्टिगोचर होता है। इसके माध्यम से कवयित्री इसे बचाने के लिए चेष्टा करती है।