निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए −
धूल के बिना किसी शिशु की कल्पना क्यों नहीं की जा सकती?
धूल का जीवन में बहुत महत्व है। विशेषकर शिशु के लिए। यह धूल जब शिशु के मुख पर पड़ती है तो उसकी शोभा और भी बढ़ जाती है। धूल में लिपटे रहने पर ही शिशु की सुंदरता बढ़ती है। तभी वे धूल भरे हीरे कहलाते हैं। धूल के बिना शिशु की कल्पना ही नहीं की जा सकती। धूल उनका सौंदर्य प्रसाधन है।