निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए −
पोशाक हमारे लिए कब बंधन और अड़चन बन जाती है?
पोशाक हमारे लिए बंधन और अड़चन तब बन जाती है जब हम अपने से कम दर्ज़े या कम पैसे वाले व्यक्ति के साथ उसके दुख बाँटने की इच्छा रखते हैं। लेकिन उसे छोटा समझकर उससे बात करने में संकोच करते हैं और उसके साथ सहानुभूति तक प्रकट नहीं कर पाते हैं।