निम्नलिखित शब्दों को कहानी में ढूँढ़कर उनका अर्थ समझो। अब स्वयं सोचकर इनसे वाक्य बनाओ-
खोंसना | जमघट | टटोलना | कुढ़ना |
अगुआ | पुचकारना | खलना | हेकड़ी |
(i) खोंसना - शीला ने अपनी साड़ी का पल्लु खोंस लिया।
(ii) जमघट - गंगा नदी के तट पर आज जमघट लगा हुआ था।
(iii) टटोलना - चोरी होने की बात सुनकर सबने अपनी-अपनी जेबों को टटोलना शुरु कर दिया।
(iv) कुढ़ना - शोभा की तरक्की को देखकर तुम्हें कुढ़ना नहीं चाहिए।
(v) अगुआ − राम अपनी कक्षा का अगुआ बनकर चल रहा था।
(vi) पुचकारना - हँसमुख और प्यारे बच्चों को देखकर उन्हें पुचकारने का मन करता है।
(vii) खलना − वह अपने काम के कारण सबकी आँखों में खलने लगा है।
(viii) हेकड़ी- ज़्यादा हेकड़ी मत दिखाओ नहीं तो मुझे क्रोध आ जाएगा।