'नमक का दारोगा' कहानी के कोई दो अन्य शीर्षक बताते हुए उसके आधार को भी स्पष्ट कीजिए।
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Solution
(क) वंशीधर की ईमानदारी- इस पाठ का मुख्य आधार वंशीधर और उसकी ईमानदारी है। अपनी ईमानदारी के लिए वह अपना सब कुछ होम कर देता है। वह अपनी ईमानदारी नहीं छोड़ता। अतः यह शीर्षक उचित जान पड़ता है। (ख) बेईमानी की हार- इस पाठ में अलोपीदीन जैसा भ्रष्ट व्यक्ति जीतकर भी हार जाता है। वह अपनी बेईमानी के हज़ार हथकंड़े अपनाता है लेकिन आखिर में वंशीधर जैसे व्यक्ति को अपना मैनेजर नियुक्त करता है।अतः यह शीर्षक उचित जान पड़ता है।