'नमक' कहानी को लेखक ने अपने नज़रिये से अन्य पुरुष शैली में लिखा है। आप सफ़िया की नज़र से/उत्तम पुरुष शैली में इस कहानी को अपने शब्दों में कहें।
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Solution
मुझे एक बार सिख बीबी नामक स्त्री के यहाँ जाना हुआ। पता चला कि पहले वे लाहौर में रहती थीं। जब मैंने उन्हें बताया कि मैं पाकिस्तान जा रही हूँ, तो उनके लिए वहाँ से क्या लाऊँ? वे बोली- ''मेरे लिए लाहौरी नमक ले आना। मैं उनको यह वादा कर आई। मैं कुछ दिन बाद अपने भाइयों के पास पाकिस्तान पहुँची और बहुत प्यार से रही। जाने से एक दिन पहले मैंने भाई को बताया कि मैं लाहौरी नमक लेकर जाना चाहती हूँ। भाई ने बताया कि मैं पाकिस्तान से नमक नहीं ले जा सकती हूँ क्योंकि ऐसा करना गैरकानूनी है। मैंने उसकी बात नहीं मानी और किन्नू की टोकरियों में नमक छिपा दिया। मैं जब पाकिस्तान कस्टम अफ़सर के पास पहुँची तो मुझे प्रेम की सौगात छिपाकर ले जाना अच्छा नहीं लगा और मैंने यह बात उस कस्टम अफ़सर को बता दी। मेरी भावनाओँ का सम्मान करते हुए उसने आज्ञा दे दी। यही मैंने अमृतसर कस्टम अफ़सर को भी बता दिया। मेरी भावनाओं का सम्मान करते हुए उसने भी मुझे आदर सहित जाने दिया। मेरे लिए यह सच्चाई और प्रेम की विजय थी। अंत मैं लाहौरी नमक भारत ले आयी।