ओ चराचर! मत चूक अवसर – इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
Open in App
Solution
इस पंक्ति का आशय है कि मनुष्य को जब इंद्रियों पर काबू पाने का अवसर मिले, तो उसे चूकना नहीं चाहिए। तुरंत उस अवसर को पकड़ लेना चाहिए। ये इंद्रियाँ इतनी आसानी से काबू में नहीं आती हैं। अतः आ जाएँ, तो समझो उसका बेड़ा पार है। जिसने इस अवसर का लाभ नहीं उठाया, वह विषय-वासनाओं के जंजाल में फंसा रह जाता है। कवयित्री लोगों के लिए यह अवसर लाई है। अतः वह चाहती है कि लोग इसका लाभ समय रहते उठा लें।