पाठ के आधार पर बताइए कि उस समय के और वर्तमान समय के पढ़ने-पढ़ाने के तौर-तरीकों में क्या अंतर और समानताएँ हैं? आप पढ़ने-पढ़ाने के कौन से तौर-तरीकों के पक्ष में हैं और क्यों?
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Solution
उस समय और आज के समय में पढ़ाई के तरीकों में समानताएँ इस प्रकार हैं ।-
(क) पहले और आज के समय में अनुशासन का कढ़ाई से पालन करवाया जाता है। बच्चों को ज्ञान देने के स्थान पर जीविका के साधन उपलब्ध करवाने पर अधिक ध्यान दिया जाता है। यही कारण है कि उसे रटाया जाता है।
(ख) पहले बच्चों की प्रतिदिन परीक्षा लेने का प्रावधान था। वह आज भी देखने को मिलता है। क्लास टेस्ट, एफ.ए.-1, एफ.ए.-2, एफ.ए.-3, एफ.ए.-4, एस.ए.-1 और एस.ए.-2 इत्यादि टेस्ट बच्चों को देने पड़ते हैं। इस तरह का दबाव बच्चों को पढ़ाई से दूर करता है और पढ़ाई का डर उनके मन में भर देता है।
(ग) उस समय विद्यालय में पढ़ाई को महत्व दिया जाता था। खेलकूद आदि महत्वपूर्ण नहीं थे।
पहले के समय और आज के समय में पढ़ाई के तरीकों में अंतर इस प्रकार हैं-
(क) पहले बच्चों की प्रतिभा और रुचि पर ध्यान नहीं दिया जाता था। सबको सम्मान रूप से एक ही चीज़ पढ़ाई जाती थी। परन्तु आज ऐसा नहीं है। बच्चों की रुचि तथा योग्यता को देखकर उसे आगे बढ़ाया जाता है। आरंभिक शिक्षा बेशक एक-सी हो लेकिन आगे चलकर बच्चे के पास अपना मनपसंद विषय लेने का अधिकार होता है।
(ख) पहले के समान आज शारीरिक दंड नहीं दिया जाता है। अब बच्चों को प्रेम से समझाया जाता है।
(ग) अब खेलकूद, कला आदि को भी शिक्षा के समान प्राथमिकता दी जाती है।