Question
Paragraph for below question
The crystal theory is widely accepted theory for coordination complexes. It assumes that the attraction between the central metal and ligand in a complex is purely electrostatic. According to this theory, ligands which cause only a small degree of crystal field splitting are termed as weak ligands, whereas ligands which cause large splitting are called strong field ligands.
Q. The crystal field stabilisation energy (CFSE) of [Fe(CN)6]4– and [MnF6]4– are [ignore pairing energy]
[Δ0 represents crystal field splitting in octahedral field]
नीचे दिए गए प्रश्न के लिए अनुच्छेद
क्रिस्टल सिद्धांत उपसहसंयोजक संकुलों के लिए व्यापक रूप से स्वीकृत सिद्धांत है। यह माना जाता है कि संकुल में केंद्रीय धातु तथा लीगेण्ड के मध्य केवल स्थिर-विद्युतीय आकर्षण होता है। इस सिद्धांत के अनुसार, जिन लीगेण्ड के कारण केवल कम मात्रा में क्रिस्टल क्षेत्र विपाटन होता है, वे दुर्बल लीगेण्ड कहलाते हैं, जबकि जिन लीगेण्ड के कारण अधिक मात्रा में क्रिस्टल क्षेत्र विपाटन होता है, वे प्रबल क्षेत्र लीगेण्ड कहलाते हैं।
प्रश्न. [Fe(CN)6]4– तथा [MnF6]4– की क्रिस्टल क्षेत्र स्थायीकरण ऊर्जा (CFSE) हैं [युग्मन ऊर्जा की उपेक्षा कीजिए]
[Δ0 अष्टफलकीय क्षेत्र में क्रिस्टल क्षेत्र विपाटन को दर्शाता है]