Different Ocean Currents and the Factors Responsible for their Formation
पद्माकर ने कि...
Question
पद्माकर ने किस तरह भाषा शिल्प से भाव-सौंदर्य को और अधिक बढ़ाया है? सोदाहरण लिखिए।
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Solution
पद्माकर भाषा शिल्प में माहिर थे। उन्होंने सुव्यवस्थित भाषा का प्रयोग करके भाषा के प्रवाह को बनाए रखा है। उनकी भाषा सरस तथा सरल है। जो पाठकों के ह्दय में सरलता से जगह बना लेती है। इससे पता चलता है कि उनका भाषा पर अधिकार है। ब्रजभाषा का मधुर रूप इनमें देखने को मिलता है। सूक्ष्म अनुभूतियों को दिखाने के लिए लाक्षणिक शब्द का इस्तेमाल किया गया है। उदाहरण के लिए यह उदाहरण देखें-
औरै भाँति कुंजन में गुंजरत भीर भौंर,
औरे डौर झौरन पैं बौरन के ह्वै गए।
'औरै' शब्द की पुनरुक्ति चमत्कार उत्पन्न देती है। अनुप्रास अलंकार के प्रयोग के जो ध्वनिचित्र बने हैं, वे अद्भुत हैं। उदाहरण के लिए देखिए-
1. छलिया छबीले छैल औरे छबि छ्वै गए
2. गोकुल के कुल के गली के गोप गाउन के
ऊपर दी पंक्तियों में 'छ', 'क' तथा 'ग' वर्ण के प्रयोग ने रचना को प्रभावशाली बना दिया है। यही कारण है कि उनकी रचना में चित्रात्मकता का समावेश सहज ही हो जाता है। इस प्रकार से भाषा शिल्प के कारण उनका भाव-सौंदर्य सजीव हो गया है। ऐसा लगता है कि भाव रचना से निकलकर जीवित हो गए हैं।