CameraIcon
CameraIcon
SearchIcon
MyQuestionIcon
MyQuestionIcon
1
You visited us 1 times! Enjoying our articles? Unlock Full Access!
Question

'फरइ कि कोदव बालि सुसाली। मुकुता प्रसव कि संबुक काली'। पंक्ति में छिपे भाव और शिल्प सौंदर्य को स्पष्ट कीजिए।

Open in App
Solution

भाव सौंदर्य- प्रस्तुत पंक्ति में भाव है कि जिस प्रकार मोटे चावल (कोदे) की बाली में उत्तम चावल नहीं उगाता है और तालाब में मिलने वाले काले घोंघे मोती उत्पन्न नहीं कर सकते हैं, वैसे ही यदि मैं अपनी माँ पर कलंक लगाऊँ और स्वयं को साधु बताऊँ तो यह संभव नहीं है। संसा में कहा मैं कैकेयी का पुत्र ही जाऊँगा।

शिल्प सौंदर्य- तुलसीदास ने अवधी भाषा का प्रयोग किया है। यह चौपाई छंद में लिखा गया है। भाषा प्रवाहमयी है। इसकी शैली गेय है। 'कि कोदव' अनुप्रास अलंकार आ उदाहरण है।

flag
Suggest Corrections
thumbs-up
10
similar_icon
Similar questions
View More
Join BYJU'S Learning Program
similar_icon
Related Videos
thumbnail
lock
Fixed Capital and Working Capital
BUSINESS STUDIES
Watch in App
Join BYJU'S Learning Program
CrossIcon