परदे पर वक्त की कीमत है कहकर कवि ने पूरे साक्षात्कार के प्रति अपना नज़रिया किस रूप में रखा है?
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Solution
कवि जानता है कि टी.वी. में जो भी कार्यक्रम दिखाए जाते हैं। उनका उद्देश्य समाज की भलाई करना नहीं है। उनका उद्देश्य अपने चैनल को प्रसिद्ध करना तथा धन कमाना है। अतः वहाँ पर एक-एक पल की कीमत पहले से तय होती है। अपंग व्यक्ति पर आधारित कार्यक्रम अपंग व्यक्ति का साक्षात्कार नहीं है अपितु उसकी अपंगता को देश के आगे रखकर प्रसिद्धि व धन कमाना है। उन्हें अपंग व्यक्ति के सुख-दुख से कोई लेना-देना नहीं है। अपने हितों को वे शीर्ष पर रखते हैं। उनकी करुणा तथा सहानुभूति सब नाटक होती है। अतः इस पंक्ति को कहकर कवि ऐसे कार्यक्रमों के प्रति अपनी नाराज़गी और क्रोध को व्यक्त करता है।