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Question

परिच्छेद 3
जो लोग वर्तमान घटनाक्रम पर समाचार पत्रों और टेलीविजन के माध्यम से होने वाली चर्चाओं से अवगत रहते हैं या उनसे तारतम्य रखते हैं, वे यदि इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि जातिप्रथा ही भारत का भाग्य है तो उन्हें क्षमा कर दिया जाना चाहिए। यदि कोई एक ऐसा विषय है जो संचार माध्यमों के द्वारा राजनीतिक विषयों पर चर्चा करने वाले विशेषज्ञों में समान है तो वह है जातिप्रथा और चुनावी राजनीति में इसकी भूमिका के प्रति उनकी विचारमग्नता या तन्मयता।
कइयों की तो अब ऐसी धारणा बन गई है कि देश में हो रहे अविवादित जनसांख्यिकीय, तकनीकी और आर्थिक परिवर्तनों के बाद भी, भारतीय समाज का जाति और समुदाय के आधार पर विभाजन एक अनिवार्य और अविश्वसनीय लक्षण है।
उनका यह भी विश्वास है कि इस विभाजन की अनदेखी या अन्य विभाजनों जैसे आय, शिक्षा और व्यवसाय की ओर ध्यान आकर्षित करना मूल वास्तिविकता से मुंह मोड़ना होगा। इन्हीं में से कुछ उग्र लोग यह भी जोड़ देते हैं कि इस वास्तविकता की अनदेखी का अर्थ सामाजिक अनुग्रहों और जिम्मेदारियों के न्यायसंगत व समरूप पुनर्वितरण के राजनैतिक उत्तरदायित्व से बचना होगा।
क्या भारत में कुछ भी परिवर्तित नहीं हुआ है? वास्तव में, हमारी राजनैतिक बोध एवं सामाजिक वास्तविकताओं में पिछले साठ वर्षों में बहुत परिवर्तन आया है। हमारे राष्ट्रवादी आन्दोलन के नेता, जिन्होंने उपनिवेशवादी शक्तियों से भारत को स्वतंत्र कराने हेतु सफलतापूर्वक संघर्ष किया, उनका यह विश्वास था कि भारत अपने अतीत में भले ही जातियों और समुदायों का समाज रहा हो, परन्तु एक नये लोकतांत्रिक संविधान को अपना कर वह नागरिकों का देश बन जाएगा। वे अति आशावादी थे। संविधान ने देश के नागरिकों के लिए अधिकार अवश्य सृजित किए, परन्तु यह अपने नागरिकों के मस्तिष्क और हृदय से जाति प्रथा को समाप्त नहीं कर पाया। अनेक भारतीयों या शायद अधिकतर भारतीयों के हृदय को अब भी वर्गीकृत समाज की आदत बनी हुई है।

Q. इस परिच्छेद के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन-सी बातें, धारणाओं के रूप में देश के राजनैतिक विषयों पर चर्चा करने वाले विशेषज्ञों में बसी हुई हैं?

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

A

केवल 1
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B

केवल 1 और 3
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C

केवल 1, 2 और 3
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D

केवल 2, 3 और 4
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Solution

The correct option is C
केवल 1, 2 और 3
व्याख्या:

इसका उत्तर अनुच्छेद 2 में दिया गया है।
  1. परिच्छेद 2 में स्पष्ट रूप से दिया गया है - अपरिहार्य = अनिवार्य
  2. परिच्छेद में कहा गया है कि, “देश में अविवादित जनसांख्यिकी, तकनीकी और आर्थिक परिवर्तन......जाति और समुदाय के आधार पर विभाजन एक अनिवार्य और अविश्वसनीय लक्षण है।” इसलिये कथन 2 सही है।
  3. अनुच्छेद 2 में प्रत्यक्ष रूप से निष्कर्ष निकलता है।
  4. यह विभाजन निश्चित रूप से जाति विभाजन से कम महत्वपूर्ण है, परन्तु यह निष्कर्ष निकालना कि “यह महत्वपूर्ण नहीं है” भ्रमात्मक है। विषय क्षेत्र से बाहर है।

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Literary Sources- Tirukkural and Other Tamil Poems
HISTORY
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