परिच्छेद 4
विश्व मधुमेह की महामारी का सामना कर रहा है। वर्तमान में, विश्व के 250 मिलियन से अधिक लोग मधुमेह से पीड़ित हैं और यह पूर्वानुमान लगाया गया है कि अगले 20 वर्षों से कुछ ही अधिक अवधि में यह संख्या दुगुनी हो जाएगी। यह महामारी विश्व में समान रूप से वितरित नहीं है। यद्यपि मधुमेह की वैश्विक व्यापकता 3−4% है, तथापि कई देशों और क्षेत्रों में मधुमेह की 10% से भी काफी अधिक व्यापकता पायी जाती है। इन देशों में मध्य-पूर्व के कुछ देश सम्मिलित हैं, जहाँ कुछ प्रकरणों में मध्यम आयुवर्ग के वयस्कों के बीच मधुमेह की व्यापकता 16% से अधिक है।
Q. निम्नलिखित में से उपर्युक्त परिच्छेद से निकाला जा सकने वाला सर्वाधिक तर्कसंगत और तार्किक निष्कर्ष क्या है?
व्याख्या:
सभी वयस्क मधुमेह से पीड़ित नहीं हैं, इसलिए सभी को इंसुलिन का इंजेक्शन देना तर्कसम्मत नहीं है। इसलिए, विकल्प (a) सही नहीं है। लेखक कहता है कि, “यह महामारी विश्व में समान रूप से वितरित नहीं है।” इसलिए डब्ल्यू.एच.ओ. द्वारा सभी देशों से समान व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। इसे अधिक प्रसार दर वाले देशों को अधिक सहायता देने की आवश्यकता है। इस प्रकार विकल्प (b) भी गलत है। यह परिच्छेद भारत में मधुमेह की स्थिति के संबंध में कोई सूचना नहीं देता है। इसलिए, विकल्प (c) गलत है।
लेखक कहता है, "विश्व मधुमेह की महामारी का सामना कर रहा है। इसलिए, सर्वाधिक तर्कसम्मत अनुमान सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को इसके उपचार से सुसज्जित करना है। इस प्रकार, विकल्प (d) सही है।