पृथ्वी राज चौहान की कथा अपने शब्दों में लिखिए।
पृथ्वी राज दिल्ली का आखिरी राजा था। कन्नौज के राजा जयचंद की पुत्री राजकुमारी संयोगिता से उसने विवाह किया था। उसने संयोगिता के बुलावे पर उसका अपहरण किया। इस तरह से राजा जयचंद उसका शत्रु बन बैठा। उसने ही मोहम्मद गौरी को पृथ्वीराज से बदला लेने के लिए भारत में आक्रमण करने का निमंत्रण दिया। उसका और पृथ्वीराज का 16 बार आमना-सामना हुआ। 17वीं बार उसने अंतिम प्रयास किया इस बार उसने रणनीति से कार्य लिया था। पृथ्वीराज की शक्ति बार-बार युद्ध के कारण समाप्त हो रही थी। राजा जयचंद का धोखा इसमें और भी कारगर सिद्ध हुआ। इस बार वह सफल हुआ और 1192 में दिल्ली पर उसका कब्ज़ा हो गया। पृथ्वीराज और उसके मित्र चंदबरदाई को अपने साथ ले गया। पृथ्वीराज की आँखें फोड़ दी गई थीं। गौरी ने सुना था कि पृथ्वीराज शब्दभेदी बाण की कला जानता है। उसने इस कला को देखने के लिए अपनी इच्छा जाहिर की। यही उसकी बड़ी गलती थी। चंदबरदाई ने चतुरता से पृथ्वीराज को गौरी की सही स्थिति बता दी। पृथ्वीराज ने उसके निर्देश अनुसार उसे मार गिराया।