Q. 19 वीं सदी में भारत में हुए 'कॉटन बूम' के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
निम्नांकित कूटों में से कौन सा/से सही हैं/हैं ?
व्याख्या :
19 वीं शताब्दी के मध्य में भारत में कपास के क्षेत्र में तेजी से वृद्धि और इसके उत्पादन में उछाल देखा गया। ऐसा अमेरिकी गृहयुद्ध के कारण हुआ था। 1861 में अमेरिकी गृहयुद्ध छिड़ गया तो ब्रिटेन के कपास क्षेत्र में घबराहट की स्थिति देखी गई। अमेरिका से आने वाली कच्ची कपास का आयात सामान्य से 3% से भी कम हो गया। भारत और अन्य देशों को बड़ी व्यग्रता से यह संदेश भेजा गया कि ब्रिटेन को अधिक मात्रा में कपास निर्यात करें। बंबई में, कपास के व्यापारियों ने कपास की आपूर्ति का आकलन करने और कपास की खेती को अधिकाधिक प्रोत्साहन देने के लिए कपास पैदा करने वाले जिलों का दौरा किया। जब कपास की कीमतों में उछाल आया तो बंबई के कपास निर्यातकों ने ब्रिटेन की मांग को पूरा करने के लिए अधिक से अधिक कपास खरीदने का प्रयत्न किया। इसके लिए उन्होंने शहरी साहूकारों को अधिक से अधिक अग्रिम राशियाँ दी ताकि वे भी आगे उन ग्रामीण ऋणदाताओं को जिन्होंने उपज को उपलब्ध कराने का वचन दिया था,अधिकाधिक मात्रा में राशि उधार दे सकें। जब बाजार में तेजी आती है तो ऋण आसानी से दिया जाता है क्योंकि ऋणदाता अपनी उधार दी गई राशियों की वसूली के बारे में अधिक आश्वस्त हो जाते है।
इन घटनाक्रमों का दक्कन के ग्रामीण इलाकों पर गहरा प्रभाव पड़ा। दक्कन के गाँवों के रैयत को अचानक असीमित ऋण उपलब्ध होने लगा। साहूकार भी दीर्घावधि ऋण देने के लिए तैयार थे। जब अमेरिकी में संकट की स्थिति बनी रही तो बम्बई दक्कन में कपास का उत्पादन बढ़ता गया । 1860 और 1864 के दौरान , कपास क्षेत्र दोगुना हो गया। 1862 तक, स्थिति यह हो गई कि ब्रिटेन में आयातित कपास का 90% से अधिक भारत से जा रहा था।