Q. बंगाल में ‘स्थायी बंदोबस्त’ का उद्देश्य निम्नलिखित उद्देश्यों को प्राप्त करना था
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
व्याख्या :
स्थायी बंदोबस्त की शुरुआत 1793 में चार्ल्स कॉर्नवॉलिस (1738-1805) द्वारा बंगाल में की गई थी। ब्रिटिश अधिकारी इसे लेकर आशान्वित थे कि स्थायी बंदोबस्त लागु किये जाने से वे सभी समस्याएँ हल हो जाएँगी जो बंगाल की विजय के समय से ही सामने आ गई थीं। 1770 के दशक तक आते आते, बंगाल की ग्रामीण अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजरने लगी थी क्योंकि बार-बार अकाल पड़ रहा था और कृषि पैदावार घटती जा रही थी। अधिकारी लोग ऐसा सोचते थे कि खेती, व्यापार और राज्य के राजस्व संसाधन तभी विकसित किए जा सकेंगे जब कृषि में निवेश को प्रोत्साहन दिया जायेगा और ऐसा तभी किया जा सकेगा जब संपत्ति के अधिकार प्राप्त कर लिए जायेंगे और राजस्व माँग की दर स्थायी रूप से तय कर दी जाएगी।
यदि राज्य की राजस्व माँग स्थायी रूप से निर्धारित कर दी गई, तो कंपनी राजस्व की नियमित प्राप्ति की आशा कर सकेगी और उद्यमी भी अपने पूँजी निवेश से एक निश्चित लाभ कमाने की उम्मीद रख सकेंगे, क्योंकि राज्य अपने दावे में वृद्धि करके लाभ की राशि नहीं छीन सकेगा। अधिकारियों को यह लगता था कि इस प्रक्रिया से छोटे किसानों और धनी भूस्वामियों का एक ऐसा वर्ग उत्पन्न हो जायेगा जिसके पास कृषि में सुधार के लिए पूँजी और उद्यम दोनों होंगे। ब्रिटिश शासन से पालन-पोषण और प्रोत्साहन पाकर, यह वर्ग कंपनी के प्रति वफादार बना रहेगा।