Q. Consider the following pairs:
Folk theatres | State | |
1 | Maach | Madhya Pradesh |
2 | Bhavai | Gujarat |
3 | Therukoothu | Karnataka |
Which of the pairs given above are correctly matched?
Q. निम्नलिखित युग्मों पर विचार करें:
लोक रंगमंच | राज्य | |
1 | माच | मध्य प्रदेश |
2 | भवई | गुजरात |
3 | थेरुकूतु | कर्नाटक |
दिए गए जोड़े में से कौन सा सही तरीके से मेल खाता है?
Explanation:
Maach is the traditional theatre form of Madhya pradesh.The term macch is used for the stage itself as also for the play.In this theatre form songs are given prominence in between the dialogues.The term for dialogue in this form is bol and rhyme in narration is termed Vanag.The tunes of this theatre form are known as rangat.
Bhavai is the traditional theatre form of Gujarat.The centres of this form are Kutch and Kathiawar.The instruments used in Bhavai are:bhungal,tabla,flute,pakhaawaj,rabaab,sarangi,manjeera,etc.In Bhavai ,there is a rare synthesis of devotional and romantic sentiments.
Therukoothu,the most popular form of folk drama of Tamil nadu .literally means “street play”.it is mostly performed at the time of annual temple festivals of Mariamman to achieve rich harvest.At the core of the extensive repertoire of therukoothu there is a cycle of eight plays based on the life of Draupadi. Kattiakaran ,the Sutradhara of the Therukoothu Performance,givesa the gist of the play to the audience and komali entertains the audience with his buffoonery.
व्याख्या :
माच मध्यप्रदेश का पारंपरिक रंगमंच है। मंच शब्द का इस्तेमाल नाटक के लिए भी किया जाता है। इस रंगमंच के रूप में गीतों को संवादों पर प्रमुखता दी जाती है। इस रूप में संवाद के लिए शब्द बोल और तुक है। कथन को वनाग कहा जाता है। रंगमंच की धुनों को रंगत के नाम से जाना जाता है।
भवई गुजरात का पारंपरिक रंगमंच है। इसके केंद्र कच्छ और काठियावाड़ हैं। भवाई में प्रयुक्त होने वाले वाद्ययंत्र हैं: बंगला, तबला, बांसुरी, पखावज, रबाब, सरंगी, मनेरा, आदि। भवाई भक्ति और रोमांटिक भावनाओं का एक दुर्लभ संश्लेषण है।
तमिल नाडु के लोकनाट्य का सबसे लोकप्रिय रूप थेरुकुथु है । आमतौर पर इसका अर्थ है "नुक्कड़ नाटक" है । यह अधिक फसल प्राप्त करने के उदेश्य से मरियम्मन के वार्षिक मंदिर उत्सव के दौरान किया जाता है। इसके अलावा थेरुकूतू प्रदर्शोनो में द्रौपदी के जीवन पर आधारित आठ नाटकों का चक्र है शामिल । थिरुकीथु प्रदर्शन के सूत्रधार कट्टीकरण दर्शकों को नाटक का सार बताते हैं और कोमाली मसखरे दर्शकों का मनोरंजन करते हैं।