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Question

Q. Consider the following pairs:

Inscription Rulers Associated
1. Hanamkonda inscription Rudramadevi
2. Motupalli inscription Ganapatideva
3. Mehrauli Inscription Ashoka

Which of the above pairs is/are correctly matched?

Q. निम्नलिखित जोड़ों पर विचार करें:
अभिलेख संबंधित शासक
1. हनमकोंडा अभिलेख रुद्रमादेवी
2. मोटुपल्ली अभिलेख गणपतिदेव
3. महरौलीअभिलेख अशोक

उपरोक्त में से कौन सी जोड़ी सही ढंग से मेल खाती है / हैं?

A

1 and 2 only
केवल 1 और 2
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B

2 only
केवल 2
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C

2 and 3 only
केवल 2 और 3
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D

1, 2 and 3
1, 2 और 3
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Solution

The correct option is B
2 only
केवल 2
Explanation:

Pair 1 is incorrectly matched: Hanamkonda was the capital of the Kakatiya dynasty from its foundation around 1050 until king Ganapatideva (1199-1262) moved the capital to Warangal. The "Thousand Pillared'' temple is dated by inscription to 1163, in the reign of king Rudradeva (1158-1195). The inscription at the Rudresvara temple, Warangal mentions about the rule of Rudradeva.

Pair 2 is correctly matched: Motupalli inscription 1244 A.D also known as Motupalli abhaya varthaka shaasanam. The inscription describes the concessions given to foreign merchants by Ganapatideva, the Kakatiya ruler. The Motupalli pillar inscription (No. 635) is an edict of the Reddi king Annapottu-reddi issued to the merchants in the islands and those residing in the seashore towns, whose interests were looked after.

Pair 3 is incorrectly matched: The Mehrauli pillar inscription belongs to the period of the Guptas. The Mehrauli iron pillar inscription mentions Chandragupta Vikramaditya’s authority over northwestern India. This pillar credits Chandragupta with conquest of the Vanga Countries by his battling alone against the confederacy of the enemies united against him. It also credits him for the conquest of Vakatkas in a fight that ran across seven mouths of Sindhu. There is no mention of King Ashoka.

व्याख्या :

युग्म 1 गलत सुमेलित है: हनमकोंडा 1050 ईस्वी के आसपास अपनी स्थापना के समय से ही काकतीय राजवंश की राजधानी थी जब तक कि राजा गणपतिदेव (1199-1262) अपनी राजधानी को वारंगल नहीं ले गए। राजा रूद्रदेव (1158-1195) के शासनकाल में "हजार स्तम्भ वाला मंदिर" को 1163 के शिलालेख में दिनांकित किया गया है ।रुद्रेश्वर मंदिर के शिलालेख में वारंगल के रुद्रदेव के शासन के बारे में उल्लेख किया गयाहै।

युग्म 2 सही सुमेलित है:मोटुपल्ली शिलालेख 1244 A.D को मोटुपल्ली अभय वर्तक शासनम के नाम से भी जाना जाता है। शिलालेख में काकतीय शासक गणपतिदेव द्वारा विदेशी व्यापारियों को दी गई रियायतों का वर्णन है। मोटुपल्ली स्तंभ शिलालेख (नं 635) रेड्डी राजा अन्नपुट्टु-रेड्डी का एक आज्ञापत्र है जो द्वीपों के व्यापारियों और समुद्र के किनारे वाले शहरों में रहने वाले लोगों के हितों की देखभाल हेतु जारी किया जाता था।

युग्म 3 गलत सुमेलित है: महरौली स्तंभ शिलालेख गुप्त काल की अवधि का है। महरौली के लौह स्तंभ के शिलालेख में पश्चिमोत्तर भारत पर चंद्रगुप्त विक्रमादित्य की विजय उल्लेख है। यह स्तंभ चंद्रगुप्त को उनके खिलाफ एकजुट दुश्मनों की संघर्षशीलता के खिलाफ अकेले जूझते हुए वांगा देशों पर विजय का श्रेय देता है।यह सिंधु के सात मुहानों में चली लड़ाई में वाकाटक की विजय का श्रेय भी उन्हें देता है। इसमें राजा अशोक का कोई जिक्र नहीं है।

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