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Question

Q. Consider the following pairs with regard to the Union Budget.

Particular Type of Receipt
1. Dividends and Profits Non-tax Revenue Receipt
2. Disinvestment Receipt Debt Capital Receipt
3. Recoveries of loans Non-debt Capital Receipt
4. External Grants Debt Capital Receipt

Which of the above given pairs are correctly matched?

Q. केंद्रीय बजट के संबंध में निम्नलिखित युग्मों पर विचार करें:
विषय प्राप्तियों के प्रकार
1. लाभांश और लाभ गैर-कर राजस्व प्राप्तियां
2. विनिवेश प्राप्ति ऋण पूँजी प्राप्ति
3. ऋण की पुनर्प्राप्ति गैर-ऋण पूँजी प्राप्ति
4. बाह्य अनुदान ऋण पूँजी प्राप्ति

उपरोक्त दिए गए युग्मों में से कौन सही सुमेलित हैं?

A

1 and 3 only
केवल 1 और 3
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B

1, 2 and 3 only
केवल 1, 2 और 3
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C

3 and 4 only
केवल 3 और 4
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D

1, 2 and 4 only
केवल 1, 2 और 4
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Solution

The correct option is A
1 and 3 only
केवल 1 और 3
Explanation:

Revenue receipts are the receipts of recurring nature i.e. occur periodically and are reported in the statement of income of the company, whereas the Capital receipts are the receipts of non-recurring nature which either creates the liability for the company or reduces the company’s assets.
Revenue receipts are of two types.
  1. Tax Receipts - the revenues collected from imposition of various taxes.
  2. Non-tax Receipts - the revenues that accrue without the imposition of any tax.
Capital Receipts are of two types.
  1. Non-debt Receipts - the Receipts which don't incur any future repayment burden for the government
  2. Debt receipts - those which are to be repaid by the government.
Pair 1 is correctly matched - Dividends and Profits come under the category of Non-tax Revenue Receipts as there is no imposition of any tax.

Pair 2 is incorrectly matched - Disinvestment receipts come under the category of Non-debt Capital Receipts as it does not make the Government repay in future.

Pair 3 is correctly matched - Recoveries of loans come under the category of Non-debt Capital Receipts as it does not make the Government repay in future.

Pair 4 is incorrectly matched- External Grants come under the category of non-tax Revenue Receipt.
Explainer’s Perspective:

Students can easily mark the correct answer by just deciphering the names of the given receipts and linking them to the given particulars.
Match 2 pairs the Disinvestment Receipt with the Debt Capital Receipt. The word “debt” implies that there is a future burden for the receiver. Disinvestment means withdrawing the investment so it will not create any debt. Hence it can be marked as incorrect.
Now, we are left with options (a) and (c). So, either match 1 is correct or match 4 is correct.
Match 1 seems correct because dividends or profits will involve no tax impositions. Hence, the answer is (a).

व्याख्या:

राजस्व प्राप्तियां आवर्ती प्रकृति की प्राप्तियां हैं यानी समय-समय पर प्राप्त होती हैं और कंपनी की आय के विवरण में रिपोर्ट की जाती हैं, जबकि पूँजी प्राप्तियां गैर-आवर्ती प्रकृति की प्राप्तियां होती हैं जो या तो कंपनी के लिए देयता का सृजन करती हैं या कंपनी की संपत्ति को कम करती हैं।

राजस्व प्राप्तियां दो प्रकार की होती है।
  1. कर प्राप्तियां - विभिन्न करों के जमा होने से प्राप्त राजस्व।
  2. गैर-कर प्राप्तियां - वह राजस्व जो किसी कर के लगाए बिना प्राप्त होता है।
पूँजीगत प्राप्तियां दो प्रकार की होती हैं।
गैर-ऋण प्राप्तियां - वे प्राप्तियां जो सरकार के लिए भविष्य में पुनर्भुगतान का बोझ नहीं उठाती हैं।
ऋण प्राप्तियां - जिन्हें सरकार द्वारा चुकाया जाना है।

युग्म 1 सही सुमेलित है - लाभांश और लाभ गैर-कर राजस्व प्राप्तियों की श्रेणी में आते हैं क्योंकि इसमें कोई कर नहीं लगाया जाता है।

युग्म 2 का मिलान गलत है - विनिवेश प्राप्तियां गैर-ऋण पूँजी प्राप्तियों की श्रेणी में आती हैं क्योंकि यह सरकार से भविष्य में भुगतान की माँग नहीं करती है।

युग्म 3 सही सुमेलित है - ऋणों की वसूली गैर-ऋण पूँजी प्राप्तियों की श्रेणी में आती है क्योंकि यह सरकार से भविष्य में भुगतान की माँग नहीं करती है।

युग्म 4 का मिलान गलत है- बाह्य अनुदान गैर-कर राजस्व प्राप्ति की श्रेणी में आता है।
एक्सप्लेनर परिप्रेक्ष्य:

छात्र दिए गए प्राप्तियों के नामों और दिए गए विवरणों को जोड़कर सही उत्तर दे सकते हैं।
युग्म 2 में ऋण पूँजी प्राप्ति के साथ विनिवेश प्राप्ति का मिलान करता है । "ऋण" शब्द का अर्थ है कि प्राप्तकर्त्ता के लिए भविष्य का बोझ । विनिवेश का मतलब है कि निवेश वापस लेना ताकि इससे कोई कर्ज उत्पन्न न हो। इसलिए इसे गलत के रूप में चिह्नित किया जा सकता है।
अब, हमारे पास विकल्प (a) और (c) बचे हैं। तो, या तो युग्म 1 सही है या युग्म 4 सही है।
युग्म 1 सही लगता है क्योंकि लाभांश या मुनाफे में कोई कर नहीं होगा। अतः, उत्तर विकल्प (a) है।

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Q.

Capital inflows can be classified by instrument (debt or equity) and maturity (short-term or long-term). The main components of capital account include foreign investment, loans, and banking capital. Foreign investment comprising FDI and portfolio investment represents non-debt liabilities, while loans (external assistance, ECBs, and trade credit) and banking capital including NRI deposits are debt liabilities. In India, FDI is preferred over portfolio flows as the FDI flows tend to be more stable than portfolio and other forms of capital flows. Rupee-denominated debt is preferred over foreign currency debt and medium- and long-term debt is preferred over short-term.

Push and pull factors explain international capital flows. Push factors are external to an economy and inter alia include parameters like low interest rates, abundant liquidity, slow growth, or lack of investment opportunities in advanced economies. Pull factors like robust economic performance and improved investment climate as a result of economic reforms in emerging economies are internal to an economy.

Q37. With reference to the passage, consider the following statements about capital account and debt:

1. The main components of capital account include foreign investment, loans, and banking capital.

2. Foreign denominated debt is preferred over Rupee-currency debt and medium- and long-term debt is preferred over short-term.

Which of the above statement(s) is/are correct?

पूँजी अंर्तप्रवाह को लेखपत्रों (ऋण या शेयर) और परिपक्क्ता (अल्पावधि या दीर्घावधि) के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। पूंजीगत खाते के मुख्य संघटकों में विदेशी निवेश, ऋण और बैंकिंग पूँजी सम्मलित हैं। पोर्टफोलियो निवेश और FDI जैसे विदेशी निवेश, गैर-ऋणों के प्रतीक हैं, जबकि ऋण (बाह्य सहायता, बाह्य वाणिज्यक ऋण और व्यापार ऋण), बैंकिंग पूँजी और अनिवासी भारतीय जमाएं ऋण देयताओं की श्रेणी में आते है। भारत में पोर्टफोलियो अंतर्प्रवाह की तुलना में FDI को अधिक वरीयता मिलती है क्योंकि FDI अंतर्प्रवाह पोर्टफोलियो और निवेश के अन्य शैलियों से अधिक संतुलित है। विदेशी मुद्रा की तुलना में भारतीय रूपयों में ऋण को वरीयता प्राप्त होती है और लघु अवधि के ऋण की तुलना में मध्यम या दीर्घावधि के ऋण को वरीयता दी जाती है।

‘पुश एंड पुल’ कारक, अंतर्राष्ट्रीय पूँजी प्रवाह की व्याख्या करते हैं। ‘पशु’ कारक अर्थव्यवस्था के बाहर से कार्य करते हैं, जिनमें अन्य विषयों के साथ कुछ मानदण्ड, जैसे कि निम्न ब्याज दर, नकदी की प्रचुरता, धीमा विकास, या उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में निवेश में अवसरों का अभाव भी सम्मलित होता है। ‘पुल’ कारक अर्थव्यवस्था के भीतर कार्य करते हैं, जैसे उदीयमान अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक सुधारों के फलस्वरूप अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ प्रदर्शन और निवेश का उन्नत वातावरण।

Q37. परिच्छेद के संदर्भ में, पूंजीगत खाता और ऋण के सम्बन्ध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें।

1. पूंजीगत खाते के मुख्य संघटकों में विदेशी निवेश, ऋण और बैंकिंग पूँजी सम्मलित हैं।

2. भारतीय रूपयों में ऋण की तुलना में विदेशी मुद्रा में ऋण को तथा अल्पावधि के ऋण के स्थान पर मध्यम और दीर्घकालिक ऋण को वरीयता दी जाती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?


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