wiz-icon
MyQuestionIcon
MyQuestionIcon
18
You visited us 18 times! Enjoying our articles? Unlock Full Access!
Question

Q. Consider the following puppet theatres in India:

Which of the above are examples of shadow puppetry?

Q. भारत में निम्नलिखित कठपुतली कलाओं पर विचार करें:

उपरोक्त में से कौन छाया कठपुतली के उदाहरण हैं?


A

1 and 2 only
केवल 1 और 2
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
B

3 and 4 only
केवल 2 और 3
Right on! Give the BNAT exam to get a 100% scholarship for BYJUS courses
C

2 and 4 only
केवल 2 और 4
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
D

2, 3 and 4 only
केवल 2, 3 और 4
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
Open in App
Solution

The correct option is B
3 and 4 only
केवल 2 और 3

Explanation

  • Almost all types of puppets are found in India. Puppetry throughout the ages has held an important place in traditional entertainment. Puppets from different parts of the country have their own identity. Regional styles of painting and sculpture are reflected in them.
  • Stories adapted from puranic literature, local myths and legends usually form the content of traditional puppet theatre in India which, in turn, imbibes elements of all creative expressions like painting, sculpture, music, dance, drama, etc. The presentation of puppet programmes involves the creative efforts of many people working together
There are different types of puppets
  • String Puppets
  • Shadow Puppets
  • Rod Puppets
  • Glove Puppets

Shadow Puppetry

  • India has the richest variety of types and styles of shadow puppets. Shadow puppets are flat figures. They are cut out of leather, which has been treated to make it translucent.
  • Shadow puppets are pressed against the screen with a strong source of light behind it. The manipulation between the light and the screen makes silhouettes or colourful shadows, as the case may be, for the viewers who sit in front of the screen.
  • This tradition of shadow puppets survives in Orissa. Kerala, Andhra Pradesh, Karnataka, Maharashtra and Tamil Nadu.

Statement 1 is incorrect

  • The traditional puppets of Rajasthan are known as Kathputli. It is an example of string puppetry
  • The Kathputli is accompanied by a highly dramatised version of the regional music.
  • Puppeteers manipulate them with two to five strings which are normally tied to their fingers and not to a prop or a support.

Statement 2 is incorrect

  • In Kerala, the traditional glove puppet play is called Pavakoothu.
  • It came into existence during the 18th century due to the influence of Kathakali, the famous classical dance-drama of Kerala, on puppet performances.
  • The manipulator puts his hand into the bag and moves the hands and head of the puppet. The theme for Glove puppet plays in Kerala is based on the episodes from either the Ramayana or the Mahabharata.

Statement 3 is correct

  • Ravanachhaya is a theatrically exciting puppet theatre of Orissa. It is an example of shadow puppetry.
  • The puppets are in one piece and have no joints. They are not coloured, hence throw opaque shadows on the screen.
  • The manipulation requires great dexterity, since there are no joints.
  • The puppets are made of deer skin and are conceived in bold dramatic poses.
Statement 4 is correct
  • Tholu Bommalata, Andhra Pradesh's shadow theatre has the richest and strongest tradition.Statement 4 is correct
  • The puppets are large in size and have jointed waist, shoulders, elbows and knees.
  • They are coloured on both sides. Hence, these puppets throw coloured shadows on the screen.
  • The music is dominantly influenced by the classical music of the region and the theme of the puppet plays are drawn from the Ramayana, Mahabharata and Puranas.

व्याख्या :

  • भारत में लगभग सभी प्रकार की कठपुतलियाँ पाई जाती हैं।कठपुतली पारंपरिक मनोरंजन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।देश के विभिन्न हिस्सों में कठपुतलियों की अपनी अलग पहचान है।चित्रकला और मूर्तिकला की क्षेत्रीय शैली इनमें परिलक्षित होती है।
  • पौराणिक साहित्य, स्थानीय मिथक और किंवदंतियां आमतौर पर भारत में पारंपरिक कठपुतली कला की विषय-वस्तु होती है।इसमें पेंटिंग, मूर्तिकला, संगीत, नृत्य, नाटक, आदि जैसे रचनात्मक भाव भी शामिल होते हैं।
  • कठपुतली कार्यक्रमों की प्रस्तुति में एक साथ काम करने वाले कई लोगों के रचनात्मक प्रयास सम्मिलित होते हैं।

कठपुतलियों के विभिन्न प्रकार हैं:

  • रज्जु कठपुतलियां
  • छाया कठपुतलियां
  • छड़ी कठपुतलियाँ
  • दस्ताने कठपुतलियाँ

छाया कठपुतली:

  • भारत में छाया कठपुतलियों के प्रकारों और शैलियों की सर्वाधिक समृद्ध विविधता है।छाया कठपुतली समतल आकृतियाँ होती हैं।इन्हें चमड़े को काट कर बनाया जाता है जिससे इन्हें पारभासक बनाया जा सके।
  • छाया कठपुतलियों को प्रकाश के माध्यम से परदे पर दिखाया जाता है।
  • प्रकाश और स्क्रीन के बीच हेरफेर, स्क्रीन के सामने बैठे दर्शकों के लिए सिल्हूट या रंगीन छाया बनाता है।
  • छाया कठपुतलियों की यह परंपरा उड़ीसा,केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में प्रचलन में है।

कथन 1 गलत है

  • राजस्थान की पारंपरिक कठपुतली कला को कठपुतली के नाम से जाना जाता है।यह रज्जु कठपुतली का एक उदाहरण है।
  • काठपुतली कला में क्षेत्रीय संगीत नाटकीय प्रस्तुति भी होती है।
  • कठपुतली नचाने वाला इन्हें दो या पांच तारों के द्वारा नचाता है जो सामान्य उनकी उंगलियों से बंधी हुई होती है।

कथन 2 गलत है

  • केरल में, पारंपरिक दस्ताने वाले कठपुतली के खेल को पवाकुथु कहा जाता है।
  • यह कठपुतली कला पर केरल के प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्य-नाटक कथकली के प्रभाव के कारण 18 वीं शताब्दी के दौरान अस्तित्व में आया।
  • कठपुतली नचाने वाला अपना हाथ बैग में डालता है और कठपुतली के हाथ और सिर को हिलाता है।केरल में दस्ताने वाली कठपुतली नाटकों की थीम रामायण या महाभारत के एपिसोड पर आधारित होती है।

कथन 3 सही है

  • रावणछाया उड़ीसा का एक रोमांचक कठपुतली नृत्य है।यह छाया कठपुतली नृत्य का एक उदाहरण है।कठपुतलियों में कोई जोड़ नहीं होता है। वे रंगीन नहीं होती हैं, इसलिए परदे पर अपारदर्शी छाया बनाती हैं।
  • इस कला प्रदर्शन के लिए निपुणता की आवश्यकता होती है क्योंकि इसमें कोई जोड़ नहीं होता है।
  • कठपुतलियाँ हिरण की खाल से बनी होती हैं और बोल्ड ड्रामेटिक पोज़ प्रस्तुत करती हैं।

कथन 4 सही है

  • आंध्र प्रदेश के शैडो थिएटर में थोलू बोमलता की समृद्ध और सशक्त परंपरा है।कठपुतलियों का आकार बड़ा होता है और इसमें कमर, कंधे, कोहनी और घुटने संयुक्त होते हैं।
  • वे दोनों तरफ से रंगीन होती हैं। इसलिए, ये कठपुतलियाँ स्क्रीन पर रंगीन छाया बनाती हैं।
  • संगीत क्षेत्रीय शास्त्रीय संगीत से प्रभावित होता है और कठपुतली नृत्यों का विषय रामायण, महाभारत और पुराणों से लिया जाता है।

flag
Suggest Corrections
thumbs-up
0
similar_icon
Similar questions
View More
Join BYJU'S Learning Program
similar_icon
Related Videos
thumbnail
lock
Katputali
HISTORY
Watch in App
Join BYJU'S Learning Program
CrossIcon